Heart Broken Poetry of Abbas Rizvi
नाम | अब्बास रिज़वी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abbas Rizvi |
जन्म स्थान | Pakistan |
वो हब्स था कि तरसती थी साँस लेने को
वहशत के इस नगर में वो क़ौस-ए-क़ुज़ह से लोग
मैं जो चुप था हमा-तन-गोश थी बस्ती सारी
ख़ौफ़ ऐसा है कि दुनिया के सताए हुए लोग
अजीब तुर्फ़ा-तमाशा है मेरे अहद के लोग
ताबीर को तरसे हुए ख़्वाबों की ज़बाँ हैं
सितारे चाहते हैं माहताब माँगते हैं
मैं उस से दूर रहा उस की दस्तरस में रहा
जिस को हम समझते थे उम्र भर का रिश्ता है
जब कोई तीर हवादिस की कमाँ से आया
हम तिरे हुस्न-ए-जहाँ-ताब से डर जाते हैं
हर तरफ़ शोर-ए-फ़ुग़ाँ है कोई सुनता ही नहीं
गुज़र गया वो ज़माना वो ज़ख़्म भर भी गए
धुआँ सा फैल गया दिल में शाम ढलते ही
अहल-ए-जुनूँ थे फ़स्ल-ए-बहाराँ के सर गए