Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_8abhs01180tqrghq3pfo2bbch5, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई - आज़िम कोहली कविता - Darsaal

थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई

थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई

बस एक पल में जैसे ज़िंदगी भी डगमगा गई

गुमाँ था ये कि दब गईं वो हसरतों की बिजलियाँ

ये कौन सी नई चमक बुझे दिए जला गई

गिराईं शाख़ शाख़ से ख़िज़ाँ ने फूल पत्तियाँ

उड़े जो बीज हर तरफ़ तो फिर बहार आ गई

खुला निगाह-ए-यार का जो मय-कदा तो यूँ लगा

कि प्यास एक उमर की बस इक नज़र बुझा गई

ख़ुदा-क़सम मैं बच गया ख़ता की तेज़ धार से

जुनूँ की इक अदा थी जो मुझे यूँ आज़मा गई

ये क्या हुआ कि अब तुझी से बद-गुमाँ मैं हो गया

मैं सोचता था ज़िंदगी तू मुझ को रास आ गई

मिली है 'आज़िम'-ए-सुख़न ये कैसी तीरगी तुझे

तिरे ख़याल में जो इतनी रौशनी बढ़ा गई

(1495) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Thi Yaad Kis Dayar Ki Jo Aa Ke Yun Rula Gai In Hindi By Famous Poet Aazim Kohli. Thi Yaad Kis Dayar Ki Jo Aa Ke Yun Rula Gai is written by Aazim Kohli. Complete Poem Thi Yaad Kis Dayar Ki Jo Aa Ke Yun Rula Gai in Hindi by Aazim Kohli. Download free Thi Yaad Kis Dayar Ki Jo Aa Ke Yun Rula Gai Poem for Youth in PDF. Thi Yaad Kis Dayar Ki Jo Aa Ke Yun Rula Gai is a Poem on Inspiration for young students. Share Thi Yaad Kis Dayar Ki Jo Aa Ke Yun Rula Gai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.