Heart Broken Poetry of Aazim Kohli
नाम | आज़िम कोहली |
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अंग्रेज़ी नाम | Aazim Kohli |
जन्म स्थान | Delhi |
नीला अम्बर चाँद सितारे बच्चों की जागीरें हैं
मैं जी भर के रोया तो आराम आया
कौन जाने किस घड़ी याँ क्या से क्या हो कर रहे
दुख पे मेरे रो रहा था जो बहुत
देखा न तुझे ऐ रब हम ने हाँ दुनिया तेरी देखी है
'आज़िम' तेरी बर्बादी में सब ने मिल-जुल कर काम किया
आदमी को चाहिए तौफ़ीक़ चलने की फ़क़त
वफ़ा और इश्क़ के रिश्ते बड़े ख़ुश-रंग होते हैं
ज़र्फ़ है किस में कि वो सारा जहाँ ले कर चले
थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई
सिलसिले सब रुक गए दिल हाथ से जाता रहा
नीला अम्बर चाँद सितारे बच्चों की जागीरें हैं
मिरी यादें भला तुम किस तरह दिल से मिटाओगे
किधर का था किधर का हो गया हूँ
ख़याल-ए-यार का जल्वा यहाँ भी था वहाँ भी था
ख़ाक से थे ख़ाक से ही हो गए
जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ
जो होगा सब ठीक ही होगा होने दो जो होना है
जब कभी तुम मेरी जानिब आओगे
हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का
इक इश्क़ है कि जिस की गली जा रहा हूँ मैं
एहसास के सूखे पत्ते भी अरमानों की चिंगारी भी
दूर है मंज़िल तो क्या रस्ता तो है
दोस्तों की बज़्म में साग़र उठाए जाएँगे
बहुत अज़ीज़ था आलम वो दिल-फ़िगारी का
आ कि चाहत वस्ल की फिर से बड़ी पुर-ज़ोर है