Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_372db9f32d6b61cb390282cf55086438, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल में है क्या अज़ाब कहे तो पता चले - अातिश इंदौरी कविता - Darsaal

दिल में है क्या अज़ाब कहे तो पता चले

दिल में है क्या अज़ाब कहे तो पता चले

दीवार ख़ामोशी की ढहे तो पता चले

सब कुछ ही बाँटने को चली आती क्यूँ नदी

उस की तरह से कोई बहे तो पता चले

बेटे तू जानता नहीं है माँ की अहमियत

माँ की तरह तू दर्द सहे तो पता चले

कैसे बताए कोई जियो कैसे ज़िंदगी

तू पंछियों के साथ रहे तो पता चले

पीने को पानी भी न हो रोटी की बात क्या

नेता-जी भूक तू यूँ सहे तो पता चले

(1188) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Mein Hai Kya Azab Kahe To Pata Chale In Hindi By Famous Poet Aatish Indori. Dil Mein Hai Kya Azab Kahe To Pata Chale is written by Aatish Indori. Complete Poem Dil Mein Hai Kya Azab Kahe To Pata Chale in Hindi by Aatish Indori. Download free Dil Mein Hai Kya Azab Kahe To Pata Chale Poem for Youth in PDF. Dil Mein Hai Kya Azab Kahe To Pata Chale is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Mein Hai Kya Azab Kahe To Pata Chale with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.