ज़बाँ पे शिकवा-ए-बे-मेहरी-ए-ख़ुदा क्यूँ है?
ज़बाँ पे शिकवा-ए-बे-मेहरी-ए-ख़ुदा क्यूँ है?
दुआ तो माँगिये 'आतिश' कभी दुआ की तरह
(1301) Peoples Rate This
ज़बाँ पे शिकवा-ए-बे-मेहरी-ए-ख़ुदा क्यूँ है?
दुआ तो माँगिये 'आतिश' कभी दुआ की तरह
(1301) Peoples Rate This