ग़म-ओ-अलम भी हैं तुम से ख़ुशी भी तुम से है
ग़म-ओ-अलम भी हैं तुम से ख़ुशी भी तुम से है
नवा-ए-सोज़ में तुम हो सदा-ए-साज़ में तुम
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ग़म-ओ-अलम भी हैं तुम से ख़ुशी भी तुम से है
नवा-ए-सोज़ में तुम हो सदा-ए-साज़ में तुम
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