Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7dbc3d7f7bb301174373b1e71d01d47e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला - अातिश बहावलपुरी कविता - Darsaal

कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला

कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला

मुझे इसी से ये अंदाज़-ए-आशिक़ाना मिला

जबीन-ए-शौक़ को आसूदगी नसीब हुई

सर-ए-नियाज़ को जब तेरा आस्ताना मिला

तमाम उम्र सहारों की जुस्तुजू में रहा

वो बद-नसीब जिसे तेरा आसरा न मिला

कमी न थी मिरी दुनिया में आश्नाओं की

सितम तो ये है कोई दर्द-आश्ना न मिला

सनम-कदों में तो असनाम जल्वा-फ़रमा थे

ख़ुदा के घर में भी मुझ को कहीं ख़ुदा न मिला

तुम्हें तो अपनी जफ़ाओं की ख़ूब दाद मिली

मिरी वफ़ाओं का मुझ को कोई सिला न मिला

चमन में रह के भी 'आतिश' ख़िज़ाँ-नसीबों को

कभी बहार का पैग़ाम-ए-जाँ-फ़ज़ा न मिला

(1468) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kamal-e-husn Ka Jis Se Tumhein KHazana Mila In Hindi By Famous Poet Aatish Bahawalpuri. Kamal-e-husn Ka Jis Se Tumhein KHazana Mila is written by Aatish Bahawalpuri. Complete Poem Kamal-e-husn Ka Jis Se Tumhein KHazana Mila in Hindi by Aatish Bahawalpuri. Download free Kamal-e-husn Ka Jis Se Tumhein KHazana Mila Poem for Youth in PDF. Kamal-e-husn Ka Jis Se Tumhein KHazana Mila is a Poem on Inspiration for young students. Share Kamal-e-husn Ka Jis Se Tumhein KHazana Mila with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.