Heart Broken Poetry of Aatish Bahawalpuri
नाम | अातिश बहावलपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aatish Bahawalpuri |
तुम्हें तो अपनी जफ़ाओं की ख़ूब दाद मिली
मुझे भी इक सितमगर के करम से
ख़ूगर-ए-लज़्ज़त-ए-आज़ार था इतना 'आतिश'
गिला मुझ से था या मेरी वफ़ा से
दर-हक़ीक़त इत्तिसाल-ए-जिस्म-ओ-जाँ है ज़िंदगी
आप की हस्ती में ही मस्तूर हो जाता हूँ मैं
ज़िंदगी गुज़री मिरी ख़ुश्क शजर की सूरत
वो मेरे क़ल्ब को छेदेगा कब गुमान में था
तुम्हें ज़ेबा नहीं हरगिज़ सिले की आरज़ू रखना
सितम को उन का करम कहें हम जफ़ा को मेहर-ओ-वफ़ा कहें हम
मुझे उन से मोहब्बत हो गई है
लाख पर्दों में गो निहाँ हम थे
ख़मोश बैठे हो क्यूँ साज़-ए-बे-सदा की तरह
कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला
इब्तिदा बिगड़ी इंतिहा बिगड़ी
हर्फ़-ए-शिकवा न लब पे लाओ तुम
आप की हस्ती में ही मस्तूर हो जाता हूँ मैं