रेट इतने बढ़े हैं जूतों के
कैसे जूते ख़रीद कर लाऊँ
अब तो जूतों के वास्ते 'आसिम'
सोचता हूँ नमाज़ पढ़ आऊँ
Anwar Masood
Gulzar
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Wasi Shah
Jaun Eliya
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Love Poetry
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कहानी इश्क़-ओ-मोहब्बत की ख़त्म पर आई
एक लीडर ने ये कहा मुझ से
मुशायरों में हवा हूट जो मुसलसल मैं
दास्तान-ए-इश्क़ मैं ने जब कही ससुराल में
मौत से मिलने गले देख तो आशिक़ तेरे
ज़बान-ए-मादरी पूछी जो इक लड़के से कॉलेज में
मैं ने कहा गधे से मियाँ कुछ पढ़ो लिखो
नाले कहीं बुलबुल के सुनाई नहीं देते
आतंक का माहौल है छाया हुआ दिल पर
पहुँचा सियाह-फ़ाम इक आला-मक़ाम पर
दिया नींद ने ऐसा आँखों को धोका