किसी से दिल लगाने में बड़ी तकलीफ़ होती है
नज़र की चोट खाने में बड़ी तकलीफ़ होती है
तिरे कूचे में ही दो चार पड़ जाते तो अच्छा था
मिरे महबूब थाने में बड़ी तकलीफ़ होती है
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Habib Jalib
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Gulzar
Wasi Shah
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1126) Peoples Rate This
दिया नींद ने ऐसा आँखों को धोका
जो आप पर फ़िदा हैं वो मेरे रक़ीब हैं
ज़बान-ए-मादरी पूछी जो इक लड़के से कॉलेज में
ये मंज़र देख कर बीवी ने काटा अपने शौहर को
सिलसिले ऊँचे ख़यालात से जोड़े हम ने
क़ातिल तो क़त्ल कर के कभी का निकल गया
अगर मिल गई हूर जन्नत में मुझ को
ऐ शैख़ कंघा करना नहीं ज़ेब देता यूँ
अब कहाँ है वो नश्तरों की बहार
वो हाल है हर एक बशर काँप रहा है
है विटामिन की कमी आशिक़ में तेरे इस क़दर
एक लीडर ने ये कहा मुझ से