बैल क्या चीज़ है गधा क्या है
बे-वक़ूफ़ी की इंतिहा क्या है
इश्क़ कर लो समझ में आएगा
''अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है''
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Wasi Shah
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Gulzar
Parveen Shakir
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
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दिया नींद ने ऐसा आँखों को धोका
चाँद पर पहुँचा कोई झाँका कोई मिर्रीख़ में
क़ातिल तो क़त्ल कर के कभी का निकल गया
सिलसिले ऊँचे ख़यालात से जोड़े हम ने
जो आप पर फ़िदा हैं वो मेरे रक़ीब हैं
रेट इतने बढ़े हैं जूतों के
दिल पे अपने चोट खा कर रो दिए
ये मंज़र देख कर बीवी ने काटा अपने शौहर को
मुशायरों में हवा हूट जो मुसलसल मैं
हाथ में पापड़ लिए बैठा था मैं
है विटामिन की कमी आशिक़ में तेरे इस क़दर
मौत से मिलने गले देख तो आशिक़ तेरे