आसी रामनगरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आसी रामनगरी
नाम | आसी रामनगरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aasi Ramnagri |
उन को मैं ने अपना कहा है
तुझे हम याद हर-दम ऐ सितम ईजाद करते हैं
सरशार हूँ साक़ी की आँखों के तसव्वुर से
सर झुकाए सर-ए-महशर जो गुनहगार आए
क़फ़स-नसीबों का उफ़ हाल-ए-ज़ार क्या होगा
मंज़िल पे ले के पहुँचेगा अज़्म-ए-जवाँ मुझे
मानूस हो गए हैं ग़म-ए-ज़िंदगी से हम
लाला-ओ-गुल पे ख़िज़ाँ आज भी जब छाई है
क्या मसर्रत है पूछिए हम से
ख़्वाब में आओ मिरे रंगीन ख़्वाबों की तरह
हैं अहल-ए-चमन हैराँ ये कैसी बहार आई
ग़म को सबात है न ख़ुशी को क़रार है
दिल की दहलीज़ सूनी सूनी है
दिल की बात क्या कहिए दिल अजीब बस्ती है
दी गई तरतीब-ए-बज़्म-ए-कुन-फ़काँ मेरे लिए
धूप हालात की हो तेज़ तो और क्या माँगो
बाब-ए-क़फ़स खुलने को खुला है
असीरान-ए-क़फ़स ऐसा तो हो तर्ज़-ए-फ़ुग़ाँ अपना
अजीब शहर का नक़्शा दिखाई देता है