Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3e11499b4e0f6b78b260109b4ac3dbf4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उस शोख़ से मिलते ही हुई अपनी नज़र तेज़ - आसी फ़ाईकी कविता - Darsaal

उस शोख़ से मिलते ही हुई अपनी नज़र तेज़

उस शोख़ से मिलते ही हुई अपनी नज़र तेज़

है मेहर-ए-दरख़्शाँ की शुआ'ओं का असर तेज़

वो पेड़ जो तेज़ाब से सैराब हुआ था

उस पेड़ का होने लगा हर एक समर तेज़

वो मंज़िल-ए-मक़्सूद पे पहुँचेगा यक़ीनन

जो राह में चलता रहे बे-ख़ौफ़-ओ-ख़तर तेज़

देता है जिधर उन को मफ़ाद अपना दिखाई

अरबाब-ए-हवस शौक़ से बढ़ते हैं उधर तेज़

बे-नूर न कर जाए फ़सादात की आँधी

लौ घर के चराग़ों की ज़रा और भी कर तेज़

आसार क़यामत के नज़र आते हैं 'आसी'

इस दौर में देखा गया हर एक बशर तेज़

(1305) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Us ShoKH Se Milte Hi Hui Apni Nazar Tez In Hindi By Famous Poet Aasi Faiqi. Us ShoKH Se Milte Hi Hui Apni Nazar Tez is written by Aasi Faiqi. Complete Poem Us ShoKH Se Milte Hi Hui Apni Nazar Tez in Hindi by Aasi Faiqi. Download free Us ShoKH Se Milte Hi Hui Apni Nazar Tez Poem for Youth in PDF. Us ShoKH Se Milte Hi Hui Apni Nazar Tez is a Poem on Inspiration for young students. Share Us ShoKH Se Milte Hi Hui Apni Nazar Tez with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.