उस पे क्या गुज़रेगी वक़्त मर्ग अंदाज़ा लगा

उस पे क्या गुज़रेगी वक़्त मर्ग अंदाज़ा लगा

मुंतशिर हस्ती का अपनी जिस को शीराज़ा लगा

औलिया-अल्लाह की चौखट के भी आदाब हैं

सर उठा कर जो भी आया उस को दरवाज़ा लगा

नूर की चादर तनी है यूँ फ़ज़ा-ए-दहर पर

जैसे तारे तोड़ने को दस्त-ए-ख़म्याज़ा लगा

जाने किस अंदाज़ से उस शोख़ ने डाली नज़र

जो पुराना ज़ख़्म था वो भी हमें ताज़ा लगा

मय-कदे का एक ही दम में बदल जाए निज़ाम

सू-ए-मय-ख़ाना भी 'आसी' ऐसा आवाज़ा लगा

(1548) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Us Pe Kya Guzregi Waqt Marg Andaza Laga In Hindi By Famous Poet Aasi Faiqi. Us Pe Kya Guzregi Waqt Marg Andaza Laga is written by Aasi Faiqi. Complete Poem Us Pe Kya Guzregi Waqt Marg Andaza Laga in Hindi by Aasi Faiqi. Download free Us Pe Kya Guzregi Waqt Marg Andaza Laga Poem for Youth in PDF. Us Pe Kya Guzregi Waqt Marg Andaza Laga is a Poem on Inspiration for young students. Share Us Pe Kya Guzregi Waqt Marg Andaza Laga with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.