Love Poetry of Aashufta Changezi
नाम | आशुफ़्ता चंगेज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aashufta Changezi |
जन्म की तारीख | 1956 |
मौत की तिथि | ? |
जन्म स्थान | Aligarh |
एक मंज़र में लिपटे बदन के सिवा
दिल देता है हिर-फिर के उसी दर पे सदाएँ
बदन भीगेंगे बरसातें रहेंगी
'आशुफ़्ता' अब उस शख़्स से क्या ख़ाक निबाहें
सहीह कह रहे हो
परछाइयाँ पकड़ने वाले
पहला ख़ुत्बा
दयार-ए-ख़्वाब
अक़्द-नामे
तुम ने लिक्खा है लिखो कैसा हूँ मैं
ठिकाने यूँ तो हज़ारों तिरे जहान में थे
सिलसिला अब भी ख़्वाबों का टूटा नहीं
रोने को बहुत रोए बहुत आह-ओ-फ़ुग़ाँ की
पता कहीं से तिरा अब के फिर लगा लाए
पनाहें ढूँढ के कितनी ही रोज़ लाता है
ख़बर तो दूर अमीन-ए-ख़बर नहीं आए
जिस की न कोई रात हो ऐसी सहर मिले
हमें सफ़र की अज़िय्यत से फिर गुज़रना है
गुज़र गए हैं जो मौसम कभी न आएँगे
दूर तक फैला समुंदर मुझ पे साहिल हो गया
धूप के रथ पर हफ़्त अफ़्लाक
भीनी ख़ुशबू सुलगती साँसों में
बदन भीगेंगे बरसातें रहेंगी
बादबाँ खोलेगी और बंद-ए-क़बा ले जाएगी
आँखों के बंद बाब लिए भागते रहे