Hope Poetry of Aashufta Changezi
नाम | आशुफ़्ता चंगेज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aashufta Changezi |
जन्म की तारीख | 1956 |
मौत की तिथि | ? |
जन्म स्थान | Aligarh |
ये बात याद रखेंगे तलाशने वाले
तुझे भुलाने की कोशिश में फिर रहे थे कि हम
ख़्वाब जितने देखने हैं आज सारे देख लें
जो हर क़दम पे मिरे साथ साथ रहता था
है इंतिज़ार मुझे जंग ख़त्म होने का
घर में और बहुत कुछ था
घर की हद में सहरा है
घर के अंदर जाने के
एक मंज़र में लिपटे बदन के सिवा
दिल देता है हिर-फिर के उसी दर पे सदाएँ
पहला ख़ुत्बा
नजात
ये भी नहीं बीमार न थे
सिलसिला अब भी ख़्वाबों का टूटा नहीं
सदाएँ क़ैद करूँ आहटें चुरा ले जाऊँ
पता कहीं से तिरा अब के फिर लगा लाए
पनाहें ढूँढ के कितनी ही रोज़ लाता है
किस की तलाश है हमें किस के असर में हैं
ख़बर तो दूर अमीन-ए-ख़बर नहीं आए
जिस से मिल बैठे लगी वो शक्ल पहचानी हुई
जिस की न कोई रात हो ऐसी सहर मिले
इतना क्यूँ शरमाते हैं
हमारे बारे में क्या क्या न कुछ कहा होगा
घर की हद में सहरा है
दूर तक फैला समुंदर मुझ पे साहिल हो गया
धूप के रथ पर हफ़्त अफ़्लाक
बादबाँ खोलेगी और बंद-ए-क़बा ले जाएगी
आँखों के सामने कोई मंज़र नया न था