Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_95fc7040ef9594e7c68bcc360ae1ff0e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
पहला ख़ुत्बा - आशुफ़्ता चंगेज़ी कविता - Darsaal

पहला ख़ुत्बा

फिर इक जम्म-ए-ग़फ़ीर

एक मैदान में

आसमाँ की तरफ़ देर से तक रहा है!

इमरा-उल-क़ैस की बेटियाँ

शाइरी की ज़बाँ फिर समझने लगीं

लपलपाती ज़बानें

ख़िताबत का जादू जगाने लगीं

वो ख़ुदा-ज़ादियाँ मुस्कुराने लगीं

और मेलों में फिर भीड़ बढ़ने लगी

कोई मिम्बर से बोला

कि ऐ मेरे प्यारो!

तुम्हें अपने अगलों की उम्रें लगें

बाज़ आओ सफ़र से

कुछ आराम लो

क़ाफ़िलों की मधुर घंटियाँ

रेत के सिलसिले

उस की देंगे गवाही तुम्हें

हम ने पहले कहा था

घरों में रहो

तुम न माने तो उस की सज़ा पा चुके

बाज़ आओ अभी वक़्त है

बे-कराँ नीली नीली ख़ला

फिर न मसहूर कर दे तुम्हें

(1649) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Pahla KHutba In Hindi By Famous Poet Aashufta Changezi. Pahla KHutba is written by Aashufta Changezi. Complete Poem Pahla KHutba in Hindi by Aashufta Changezi. Download free Pahla KHutba Poem for Youth in PDF. Pahla KHutba is a Poem on Inspiration for young students. Share Pahla KHutba with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.