Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_cc2fac1ed5145693476cec0d2cc0c5bf, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ख़ुदा-परस्त मिले और न बुत-परस्त मिले - आल-ए-अहमद सूरूर कविता - Darsaal

ख़ुदा-परस्त मिले और न बुत-परस्त मिले

ख़ुदा-परस्त मिले और न बुत-परस्त मिले

मिले जो लोग वो अपने नशे में मस्त मिले

कहीं ख़ुद अपनी दुरुस्ती का दुख नहीं देखा

बहुत जहाँ की दुरुस्ती के बंदोबस्त मिले

कहीं तो ख़ाक-नशीं कुछ बुलंद भी होंगे

हज़ारों अपनी बुलंदी में कितने पस्त मिले

ये सहल फ़त्ह तो फीकी सी लग रही है मुझे

किसी अज़ीम मुहिम में कभी शिकस्त मिले

ये शाख़-ए-गुल की लचक भी पयाम रखती है

बसान-ए-तेग़ थे जो हम को हक़-परस्त मिले

सुना है चंद तही-दामनों में ज़र्फ़ तो था

'सुरूर' हम को तवंगर भी तंग-दस्त मिले

(1625) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

KHuda-parast Mile Aur Na But-parast Mile In Hindi By Famous Poet Aal-e-Ahmad Suroor. KHuda-parast Mile Aur Na But-parast Mile is written by Aal-e-Ahmad Suroor. Complete Poem KHuda-parast Mile Aur Na But-parast Mile in Hindi by Aal-e-Ahmad Suroor. Download free KHuda-parast Mile Aur Na But-parast Mile Poem for Youth in PDF. KHuda-parast Mile Aur Na But-parast Mile is a Poem on Inspiration for young students. Share KHuda-parast Mile Aur Na But-parast Mile with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.