Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a9f1b7bcdd7f4f311083cf2be62ec431, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जब्र-ए-हालात का तो नाम लिया है तुम ने - आल-ए-अहमद सूरूर कविता - Darsaal

जब्र-ए-हालात का तो नाम लिया है तुम ने

जब्र-ए-हालात का तो नाम लिया है तुम ने

अपने सर भी कभी इल्ज़ाम लिया है तुम ने

मय-कशी के भी कुछ आदाब बरतना सीखो

हाथ में अपने अगर जाम लिया है तुम ने

उम्र गुज़री है अँधेरे का ही मातम करते

अपने शोले से भी कुछ काम लिया है तुम ने

हम फ़क़ीरों से सताइश की तमन्ना कैसी

शहरयारों से जो इनआ'म लिया है तुम ने

क़र्ज़ भी उन के मुआ'नी का अदा करना है

गरचे लफ़्ज़ों से बड़ा काम लिया है तुम ने

उन उसूलों के कभी ज़ख़्म भी खाए होते

जिन उसूलों का बहुत नाम लिया है तुम ने

लब पे आते हैं बहुत ज़ौक़-ए-सफ़र के नग़्मे

और हर गाम पे आराम लिया है तुम ने

(1722) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jabr-e-haalat Ka To Nam Liya Hai Tumne In Hindi By Famous Poet Aal-e-Ahmad Suroor. Jabr-e-haalat Ka To Nam Liya Hai Tumne is written by Aal-e-Ahmad Suroor. Complete Poem Jabr-e-haalat Ka To Nam Liya Hai Tumne in Hindi by Aal-e-Ahmad Suroor. Download free Jabr-e-haalat Ka To Nam Liya Hai Tumne Poem for Youth in PDF. Jabr-e-haalat Ka To Nam Liya Hai Tumne is a Poem on Inspiration for young students. Share Jabr-e-haalat Ka To Nam Liya Hai Tumne with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.