Hope Poetry of Aagha Akbarabadi
नाम | आग़ा अकबराबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aagha Akbarabadi |
वादा-ए-बादा-ए-अतहर का भरोसा कब तक
रक़ीब क़त्ल हुआ उस की तेग़-ए-अबरू से
किसी को कोसते क्यूँ हो दुआ अपने लिए माँगो
तिरे जलाल से ख़ुर्शीद को ज़वाल हुआ
सिक्का-ए-दाग़-ए-जुनूँ मिलते जो दौलत माँगता
शिद्दत-ए-ज़ात ने ये हाल बनाया अपना
सर्व-क़द लाला-रुख़ ओ ग़ुंचा-दहन याद आया
नुमूद-ए-क़ुदरत-ए-पर्वरदिगार हम भी हैं
निगाहों में इक़रार सारे हुए हैं
मुद्दत के बा'द इस ने लिखा मेरे नाम ख़त
मज़ा है इम्तिहाँ का आज़मा ले जिस का जी चाहे
मलते हैं हाथ, हाथ लगेंगे अनार कब
मद्दाह हूँ मैं दिल से मोहम्मद की आल का
ख़ुद मज़ेदार तबीअ'त है तो सामाँ कैसा
जा लड़ी यार से हमारी आँख
हमारे सामने कुछ ज़िक्र ग़ैरों का अगर होगा
दिल में तिरे ऐ निगार क्या है
दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और