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आग़ा अकबराबादी Ghazal In Hindi - Best आग़ा अकबराबादी Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Aagha Akbarabadi

Ghazals of Aagha Akbarabadi
नामआग़ा अकबराबादी
अंग्रेज़ी नामAagha Akbarabadi

वो कहते हैं उट्ठो सहर हो गई

तिरे जलाल से ख़ुर्शीद को ज़वाल हुआ

सिक्का-ए-दाग़-ए-जुनूँ मिलते जो दौलत माँगता

शिद्दत-ए-ज़ात ने ये हाल बनाया अपना

सर्व-क़द लाला-रुख़ ओ ग़ुंचा-दहन याद आया

पाँव फिर होवेंगे और दश्त-ए-मुग़ीलाँ होगा

नुमूद-ए-क़ुदरत-ए-पर्वरदिगार हम भी हैं

निगाहों में इक़रार सारे हुए हैं

नमाज़ कैसी कहाँ का रोज़ा अभी मैं शग़्ल-ए-शराब में हूँ

नहीं मुमकिन कि तिरे हुक्म से बाहर मैं हूँ

मुद्दत के बा'द इस ने लिखा मेरे नाम ख़त

मज़ा है इम्तिहाँ का आज़मा ले जिस का जी चाहे

मलते हैं हाथ, हाथ लगेंगे अनार कब

मद्दाह हूँ मैं दिल से मोहम्मद की आल का

क्या बनाए साने-ए-क़ुदरत ने प्यारे हाथ पाँव

ख़ुद मज़ेदार तबीअ'त है तो सामाँ कैसा

जीते-जी के आश्ना हैं फिर किसी का कौन है

जा लड़ी यार से हमारी आँख

हज़ार जान से साहब निसार हम भी हैं

हमारे सामने कुछ ज़िक्र ग़ैरों का अगर होगा

दिल में तिरे ऐ निगार क्या है

दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और

चाहत ग़म्ज़े जता रही है

बुत-ए-ग़ुंचा-दहन पे निसार हूँ मैं नहीं झूट कुछ इस में ख़ुदा की क़सम

आँखों पे वो ज़ुल्फ़ आ रही है

आग़ा अकबराबादी Ghazal in Hindi - Read famous आग़ा अकबराबादी Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet आग़ा अकबराबादी. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet आग़ा अकबराबादी. आग़ा अकबराबादी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.